Saturday, July 23, 2016

सपनो की सच्चाई

कयी सपने समेटे हैं बचपन से
कुछ पुरे करने की कोशिश की है,
तो कुछ हैं अधूरे से।

कयी  सपने ऐसे जिन्हें किसी और की तलाश है 
कयी सपनो में सब कुछ मेरे पास है। 
कोशिशें बहुत की हैं हर सपने पर मैंने,
ज़िन्दगी जी है कई बार बेफिक्र मैंने।

हक़ीक़त लेकिन उन् कोशिशों को बयां नहीं करती
वो एक अलग ही कहानी सुनती है।
हक़ीक़त अक्सर सपनो की उस नींद से,
एक ठोकर मार कर जगाती है।

कयी सपने समेटे हैं बचपन से
कुछ पुरे करने की कोशिश की है,
तो कुछ हैं अधूरे से।

Wednesday, February 17, 2016

I wish

Suddenly...
In my life, suddenly,
I wish something would happen.
Such as,
Love.

The incessantly falling rain,
I wish it would stop.
The sun would shine
on a colorful rainbow.
Flowers would bloom,
in the rain-soaked meadow.

On the blank canvas of life,
I wish to paint something beautiful.
All the hues and shades
of a life to be.
A vibrant display,
for everyone to see.

Suddenly...
In my life, suddenly,
I wish something would happen.
Such as,
Love.

Wednesday, February 10, 2016

लेखक की दुविधा



हाथ में कलम पकडे
सियाही लिए,
खाली पन्ने को ताक रहा हूँ।
पर जाने क्यों शब्द कहीं
खो से गए हैं।

ख्वाब में जो
कहानिया बुनी थी कयी
मानो ख्वाबों की
दुनिया में लौट गयी।
अधूरे से ख्याल हैं बस
जो अपने होने का एहसास भर सा लिए बैठे हैं।

क्या लिखने बैठा था
जाने अब क्या लिखा जायेगा।
मनन इस कशमकश में है
क्या ख्वाब मेरा
कहानी का रूप ले पायेगा
या युहीं वो बस
एक ख्याल बन्न के रह जायेगा।

हाथ में कलम पकडे
सियाही लिए,
खाली पन्ने को ताक रहा हूँ।
कुछ शब्दों की ज़रूरत है
बस उन्ही को तलाश रहा हूँ।

Monday, February 8, 2016

सिर्फ पंख होने से उड़ान नही होती
उड़ने का जज़्बा भी चाहिए
वरना पंख तोह मुर्गे के भी हैं...

Saturday, January 30, 2016

सितारों से प्यार इतना है की
रात से डर नही लगता मुझे।
जड़ें मज़बूत हैं मेरी,
पर बह रहा हूँ मैं।

रास्ता खूबसूरत  और मुश्किल है मेरा।
हाँ, कुछ ऐसा ही होना चाहिए ज़िन्दगी तुझे।

Monday, January 25, 2016

पहले प्यार का एहसास

याद है मुझे आज भी
वो पहले प्यार का एहसास
धुप भी छाओं सी लगती थी
ना भूख ना प्यास।


खुश खुश सा रहता था मन्न
गर्मी भी ठण्ड का एहसास देती,
चेहरे पे मुस्कान रोके न रूकती थी
जब वो मेरा नाम ले मुझे आवाज़ देती।

रातों को जाग जाग
उसकी एक एक अदा याद आती।  
वो उसका मुस्कुराना,
धीरे से अपने बालों को सहलाना,
और कभी मुझे देख मुस्कुरा कर पलट जाती।

दिल हमेशा उमंगो से भरा रहता,
लगता था  सब कुछ हासिल है।
कहता था दिल मुझसे, जीत ले दुनिया
हाँ, तू इस क़ाबिल है।

मुश्किल लगता था कुछ,
तो वो था उससे इज़हार करना।
प्यार तो करता था बहुत मैं,
मुश्किल था लेकिन उस प्यार का इकरार करना।

फिर एक दिन हिम्मत जोड़ कह दिया मैंने,
थोड़ा हकला कर थोड़ी सहमी सी आवाज़ में।
उस दिन डर का सामना कर रहा था,
कहीं रोक न दे वो मुझे प्यार के इस आगाज़ में। 

थोड़ा सोच कर, मुस्कुरा दी वो,
थोड़ा शर्माते हुए,
थोड़ा घबराते हुए,
झील सी गहरी आँखें झुका कर,
अपनी प्यार भरी मीठी सी मुस्कान।

याद है मुझे आज भी,
इकरार करती उसकी धीमी सी आवाज़।
हाँ, याद है मुझे आज भी,
वो पहले प्यार का एहसास। 

Sunday, March 4, 2012

If I were a book

If I were a book,
I wonder how I would be?
Would I be an adventure?
or would I simply not be?

If I were a book,
I wonder how I would be.
After what I tell you,
would you still need me?

I could tell you about my life.
All about my wordly dealings.
I needn't be shy,
I could express all my feelings.

I could tell you when I am happy.
I could tell you when I am sad.
I could tell you when I feel good.
I could tell you when I feel bad.

I could tell you what I like.
I could tell you what I hate.
I could tell a tale of destiny,
I could tell a tale of fate.

I could tell how much I love you,
How much you mean to me.
Say, if I were a book,
would you still read me?